current affairs 2024 to 2025

राजस्थान और भारत: जुलाई 2024 से जुलाई 2025 तक के विषयवार करेंट अफेयर्स का विस्तृत विश्लेषण
I. कार्यकारी सारांश
जुलाई 2024 से जुलाई 2025 की अवधि भारत और राजस्थान दोनों के लिए महत्वपूर्ण परिवर्तनों और विकासात्मक पहलों से चिह्नित रही है। राष्ट्रीय स्तर पर, शासन में आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण की दिशा में एक स्पष्ट झुकाव देखा गया, जिसमें नए आपराधिक कानूनों का कार्यान्वयन और वित्तीय नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव शामिल हैं। आर्थिक मोर्चे पर, भारत ने स्थिर जीडीपी वृद्धि बनाए रखी, जबकि समावेशी विकास और बुनियादी ढांचे के नेतृत्व वाले विकास पर जोर दिया गया। सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों का विस्तार किया गया, विशेष रूप से कमजोर वर्गों पर ध्यान केंद्रित किया गया, हालांकि कुछ कार्यान्वयन चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, अंतरिक्ष कार्यक्रम में आत्मनिर्भरता और स्वदेशी अनुसंधान पर विशेष ध्यान दिया गया।
राजस्थान में, राज्य सरकार ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और सार्वजनिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए व्यापक विधायी और नीतिगत सुधार किए। वित्तीय प्रदर्शन में राजकोषीय विवेक और पूंजीगत व्यय में वृद्धि देखी गई, जो आर्थिक विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। सामाजिक क्षेत्र में, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा पर केंद्रित कई नई योजनाएं शुरू की गईं। पर्यावरण संरक्षण और प्रौद्योगिकी एकीकरण भी प्रमुख विषय रहे, जिसमें हरित पहल और साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण शामिल हैं। खेल और संस्कृति के क्षेत्र में, दोनों स्तरों पर प्रतिभा को बढ़ावा देने और विरासत को संरक्षित करने के प्रयास किए गए। कुल मिलाकर, यह अवधि भारत और राजस्थान दोनों में प्रगतिशील शासन, सतत विकास और समावेशी विकास की दिशा में एक ठोस प्रयास को दर्शाती है।
II. प्रस्तावना
यह रिपोर्ट जुलाई 2024 से जुलाई 2025 तक की अवधि के लिए राजस्थान और भारत में समसामयिक घटनाओं का विषयवार, व्यापक विश्लेषण प्रस्तुत करती है। इसका उद्देश्य प्रमुख नीतिगत परिवर्तनों, आर्थिक बदलावों, सामाजिक कार्यक्रमों, पर्यावरणीय पहलों, वैज्ञानिक प्रगति और सांस्कृतिक मुख्य विशेषताओं की गहन जांच प्रदान करना है, जो उनके निहितार्थों और अंतर्संबंधों पर एक विशेषज्ञ-स्तरीय परिप्रेक्ष्य प्रदान करता है।
जुलाई 2024 से जुलाई 2025 तक की अवधि विधायी सुधारों, महत्वाकांक्षी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं और राष्ट्रीय और राज्य दोनों स्तरों पर डिजिटल परिवर्तन और समावेशी विकास की दिशा में एक ठोस प्रयास से चिह्नित है। यह रिपोर्ट इस बात की पड़ताल करती है कि ये विविध पहल भारत के सामाजिक-आर्थिक और राजनीतिक परिदृश्य को कैसे आकार दे रही हैं, जिसमें राजस्थान पर विशेष ध्यान दिया गया है।
III. राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स: भारत (जुलाई 2024 - जुलाई 2025)
A. राजनीतिक और शासन संबंधी विकास
जुलाई 2024 से जुलाई 2025 की अवधि में भारत में शासन और नीति निर्माण में कई महत्वपूर्ण बदलाव देखे गए, जो एक आधुनिक, पारदर्शी और कुशल प्रशासनिक ढांचे की दिशा में एक स्पष्ट बदलाव को दर्शाते हैं।
प्रमुख विधायी परिवर्तन और नीतिगत सुधार:
1 जुलाई, 2025 से, भारत में तीन नए आपराधिक कानून लागू होंगे: भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023, और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 । ये कानून 150 साल पुराने दंड-आधारित न्याय प्रणाली को एक अधिक न्याय-उन्मुख ढांचे के साथ बदलने के लिए तैयार हैं, जो कानूनी प्रणाली के आधुनिकीकरण में एक महत्वपूर्ण बदलाव का प्रतिनिधित्व करता है।
वित्तीय नियमों में भी महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं, जो 1 जुलाई, 2025 से लागू होंगे। नए पैन कार्ड प्राप्त करने के लिए अब आधार कार्ड अनिवार्य होगा, यह केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (CBDT) द्वारा कर प्रणाली को मजबूत करने और पहचान सत्यापन में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए एक उपाय है । आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि भी 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर, 2025 कर दी गई है, जिससे करदाताओं को राहत मिली है । इसके अतिरिक्त, मासिक जीएसटी भुगतान फॉर्म GSTR 3B जुलाई 2025 से अपरिवर्तनीय होगा ।
रेल यात्रा में भी बदलाव अपेक्षित हैं, जिसमें 1 जुलाई, 2025 से किराए में वृद्धि होगी। गैर-एसी मेल/एक्सप्रेस ट्रेनों के लिए 1 पैसा प्रति किलोमीटर और एसी क्लास के लिए 2 पैसे प्रति किलोमीटर की बढ़ोतरी होगी । तत्काल टिकट बुकिंग के लिए आधार-ओटीपी सत्यापन अनिवार्य होगा, और पारदर्शिता और सुरक्षा बढ़ाने के लिए एजेंटों पर शुरुआती बुकिंग पर प्रतिबंध लगाए जाएंगे ।
अन्य नीतिगत घोषणाओं में, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 30 जून, 2025 को ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कृषि वानिकी नियमों में ढील दी । सांख्यिकी दिवस 2025 पर GOI Stats ऐप लॉन्च किया गया , और ESIC ने SPREE को एमनेस्टी स्कीम 2025 के साथ फिर से शुरू किया । G7 देशों ने वैश्विक न्यूनतम कर से अमेरिकी कंपनियों को छूट देने पर भी सहमति व्यक्त की ।
महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ और प्रमुख निर्णय:
इस अवधि में कई उच्च-प्रोफ़ाइल नियुक्तियाँ भी देखी गईं। जुलाई 2024 में, गौतम गंभीर को भारतीय पुरुष क्रिकेट टीम का नया मुख्य कोच नियुक्त किया गया । नवंबर 2024 में, विक्रम मिश्री का विदेश सचिव के रूप में कार्यकाल बढ़ाया गया , और राजेश कुमार सिंह ने नए रक्षा सचिव के रूप में पदभार संभाला । जून 2024 में, भर्तृहरि महताब को 18वीं लोकसभा के प्रोटेम स्पीकर के रूप में नियुक्त किया गया ।
राष्ट्रीय सुरक्षा नीति में निरंतरता पर जोर देते हुए, अजीत डोभाल को 2024 में तीसरी बार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) के रूप में फिर से नियुक्त किया गया । सैन्य नेतृत्व में भी बदलाव हुए, जिसमें दिनेश कुमार त्रिपाठी को 2024 में नए नौसेना प्रमुख के रूप में नियुक्त किया गया । वित्तीय क्षेत्र में, अविरल जैन को अक्टूबर 2024 में आरबीआई के कार्यकारी निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया । इसके अतिरिक्त, 18 फरवरी, 2025 से ज्ञानेश कुमार ने मुख्य चुनाव आयुक्त का पद संभाला , और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 28 जुलाई, 2024 को 9 राज्यों में नए राज्यपाल और पुडुचेरी के लिए एक उपराज्यपाल की नियुक्ति की ।
प्रेक्षण:
नए आपराधिक कानूनों के कार्यान्वयन, पैन-आधार लिंकेज और आईटीआर समय सीमा जैसे वित्तीय नियमों में बदलाव, और GOI Stats ऐप और तत्काल टिकटों के लिए आधार-ओटीपी जैसे डिजिटल पहलों का एक साथ होना, शासन को आधुनिक बनाने की दिशा में एक मजबूत और जानबूझकर किए गए प्रयास को दर्शाता है। यह एक स्पष्ट प्रवृत्ति है जो डिजिटल एकीकरण और बढ़ी हुई पारदर्शिता के माध्यम से एक अधिक डिजिटल-सक्षम प्रशासनिक ढांचे की ओर इशारा करती है। यह बदलाव दक्षता, पारदर्शिता और बेहतर अनुपालन के लिए एक प्रणालीगत बदलाव का सुझाव देता है।
नए पैन-आधार नियम और आईटीआर दाखिल करने में बदलाव प्रत्यक्ष उपाय हैं जिनका उद्देश्य कर प्रणाली को मजबूत करना और पहचान सत्यापन में सुधार करना है। यह वित्तीय अनियमितताओं को कम करने और वित्तीय प्रणाली की समग्र अखंडता को बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा एक निरंतर, ठोस प्रयास को दर्शाता है। यह दर्शाता है कि डिजिटल एकीकरण का उपयोग वित्तीय अनुशासन को बेहतर बनाने और अनुपालन बढ़ाने के लिए एक प्राथमिक उपकरण के रूप में किया जा रहा है।
अजीत डोभाल को तीसरी बार एनएसए के रूप में फिर से नियुक्त करना और विक्रम मिश्री का विदेश सचिव के रूप में कार्यकाल बढ़ाना, महत्वपूर्ण राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति भूमिकाओं में निरंतरता और अनुभवी नेतृत्व के लिए एक जानबूझकर प्राथमिकता का सुझाव देता है। यह स्थिरता बनाए रखने और मौजूदा विशेषज्ञता का लाभ उठाने के लिए एक रणनीतिक निर्णय को इंगित करता है, खासकर चुनाव के बाद के परिदृश्य में, बजाय नेतृत्व में महत्वपूर्ण बदलावों का विकल्प चुनने के।
B. आर्थिक परिदृश्य और निवेश
जुलाई 2024 से जुलाई 2025 तक की अवधि में भारत ने एक स्थिर आर्थिक प्रक्षेपवक्र का प्रदर्शन किया, जिसमें विकास को बढ़ावा देने और व्यापक आर्थिक स्थिरता बनाए रखने के लिए रणनीतिक निवेश और नीतिगत उपायों पर जोर दिया गया।
जीडीपी वृद्धि और आर्थिक दृष्टिकोण:
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए, वित्त वर्ष 2024-25 में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर 6.4% रहने का अनुमान है । यह आंकड़ा, जबकि मजबूत है, वित्त वर्ष 2023-24 में दर्ज 8.2% की वृद्धि की तुलना में एक मध्यम स्तर को दर्शाता है । भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने चालू वित्त वर्ष के लिए अपने विकास अनुमान को 7.2% से घटाकर 6.6% कर दिया है, जो एक सतर्क दृष्टिकोण का संकेत देता है । आर्थिक सर्वेक्षण 2024-25 में वित्त वर्ष 2025 के लिए वास्तविक जीडीपी और सकल मूल्य वर्धन (जीवीए) की वृद्धि 6.4% अनुमानित है, जो दशक के औसत के अनुरूप है ।
बाहरी क्षेत्र में स्थिरता बनी रही, दिसंबर 2024 के अंत तक भारत का विदेशी मुद्रा भंडार $640.3 बिलियन था, जो 10.9 महीने के आयात को कवर करने के लिए पर्याप्त है। सितंबर 2024 तक बाहरी ऋण से जीडीपी अनुपात 19.4% पर स्थिर रहा, जो व्यापक आर्थिक स्थिरता को दर्शाता है ।
प्रमुख निवेश परियोजनाएं और बुनियादी ढांचा पहल:
केंद्रीय बजट 2025-24 (संभवतः 2024-25) नागरिकों, विशेष रूप से गरीबों और हाशिए पर रहने वाले लोगों को सशक्त बनाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है, जो 2014 से स्थापित नींव पर आधारित है, और 2047 तक 'विकसित भारत' के निर्माण पर केंद्रित है । यह बजट रोजगार सृजन, कौशल विकास पहल को बढ़ाने, एमएसएमई उद्योगों का समर्थन करने और मध्यम वर्ग के विकास के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है । बजट में कृषि उत्पादकता और लचीलेपन को बढ़ाने सहित नौ प्रमुख प्राथमिकताओं की रूपरेखा भी दी गई है ।
पीएम विश्वकर्मा (जुलाई 2024 तक 5,03,161 कारीगर प्रमाणित) , पीएम स्वनिधि (17 जुलाई, 2024 तक 65 लाख स्ट्रीट वेंडरों को 86 लाख से अधिक ऋण, ₹11,680 करोड़ वितरित) , दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम) ग्रामीण गरीबी को कम करने के लिए , और स्टैंड अप इंडिया (2025 तक विस्तारित) जैसे कार्यक्रम तेज किए जा रहे हैं ।
पूर्वोदय पहल का उद्देश्य पूर्वी राज्यों (बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, आंध्र प्रदेश) को औद्योगिक विकास के माध्यम से देश के विकास के इंजन में बदलना है, जिसमें अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारे (गया जंक्शन) का विकास शामिल है ।
सड़क संपर्क परियोजनाओं में पटना-पूर्णिया एक्सप्रेस-वे और बक्सर-भागलपुर एक्सप्रेस-वे जैसी महत्वपूर्ण योजनाएं शामिल हैं । बिजली परियोजनाओं में पीरपैंती में एक नया 2,400 मेगावाट बिजली संयंत्र स्थापित करने में महत्वपूर्ण निवेश किया जाएगा । बिहार में अतिरिक्त बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में एक नया हवाई अड्डा, मेडिकल कॉलेज और खेल सुविधाएं शामिल हैं ।
सरकार आंध्र प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम के तहत की गई प्रतिबद्धताओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें विशेष वित्तीय सहायता (₹15,000 करोड़), पोलावरम सिंचाई परियोजना का समय पर पूरा होना, और औद्योगिक गलियारों (विशाखापत्तनम-चेन्नई, हैदराबाद-बेंगलुरु) में बुनियादी ढांचा निवेश शामिल है ।
प्रधानमंत्री आवास योजना का लक्ष्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में 3 करोड़ अतिरिक्त घरों का निर्माण करना है । ग्रामीण विकास और बुनियादी ढांचे के लिए ₹2.66 लाख करोड़ का substantial आवंटन किया गया है । प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान आदिवासी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करेगा, जिसमें 63,000 गांवों को कवर किया जाएगा और 5 करोड़ आदिवासियों को लाभ मिलेगा ।
बजट में एमएसएमई के लिए एक क्रेडिट गारंटी योजना और संकट के दौरान ऋण सहायता के लिए एक व्यवस्था भी शामिल है । 'तरुण' श्रेणी के लिए मुद्रा ऋण की सीमा बढ़ाकर ₹20 लाख कर दी गई है ।
राजकोषीय नीतियां और वित्तीय विनियम:
केंद्रीय सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों को जुलाई 2025 तक महंगाई भत्ते (डीए) में 58% की बढ़ोतरी मिलने की उम्मीद है, जो वर्तमान 50% से अधिक है । आईटीआर और पैन परिवर्तनों के अलावा, ऑनलाइन गेमिंग, ₹10,000 से अधिक के डिजिटल वॉलेट लोड और ₹15,000 से अधिक के ईंधन खर्च पर नए शुल्क लागू हो सकते हैं । वित्त वर्ष 2024-25 के लिए बजट अनुमानों में कुल प्राप्तियां (ऋण को छोड़कर) ₹32.07 लाख करोड़ अनुमानित हैं ।
प्रेक्षण:
केंद्रीय बजट 2025-24 (जिसे 2024-25 के रूप में व्याख्या किया गया है) समावेशी विकास पर एक निरंतर और रणनीतिक ध्यान केंद्रित करता है, विशेष रूप से पीएम विश्वकर्मा, पीएम स्वनिधि, डीएवाई-एनआरएलएम और पीएम जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान जैसी योजनाओं के माध्यम से हाशिए पर पड़े वर्गों को लक्षित करता है । साथ ही, औद्योगिक गलियारों, व्यापक सड़क नेटवर्क, नए बिजली संयंत्रों और आवास पहलों (पीएम आवास योजना) में बड़े पैमाने पर निवेश  इंगित करता है कि आर्थिक विकास मजबूत बुनियादी ढांचे के निर्माण से काफी हद तक प्रेरित है। यह दोहरा ध्यान समुदायों को ऊपर उठाने के साथ-साथ दीर्घकालिक समृद्धि के लिए मूलभूत आर्थिक क्षमताओं का निर्माण करना चाहता है।
नए पैन कार्ड के लिए आधार को अनिवार्य करना और तत्काल टिकटों के लिए आधार-ओटीपी  सीधे सरकार के कर प्रणाली को मजबूत करने और पारदर्शिता बढ़ाने के लक्ष्य में योगदान देता है । यह एक स्पष्ट कारण संबंध स्थापित करता है जहां डिजिटल एकीकरण को जानबूझकर वित्तीय अनुशासन में सुधार, धोखाधड़ी को कम करने और अर्थव्यवस्था के भीतर समग्र अनुपालन बढ़ाने के लिए एक प्राथमिक उपकरण के रूप में उपयोग किया जाता है।
जबकि भारत की जीडीपी वृद्धि वित्त वर्ष 2024-25 के लिए 6.4% पर अनुमानित है , आरबीआई द्वारा मामूली कमी और बाहरी ऋण-से-जीडीपी अनुपात में स्थिरता  व्यापक आर्थिक प्रबंधन के लिए एक सतर्क और संतुलित दृष्टिकोण का सुझाव देती है। एमएसएमई  और ग्रामीण विकास  के समर्थन पर जोर आगे व्यापक-आधारित आर्थिक भागीदारी और लचीलापन सुनिश्चित करने के प्रयासों को दर्शाता है, जो संभावित रूप से वैश्विक आर्थिक उतार-चढ़ाव के खिलाफ बफर के रूप में कार्य करता है और केवल तेजी से विस्तार के बजाय सतत विकास सुनिश्चित करता है।
तालिका: प्रमुख राष्ट्रीय आर्थिक संकेतक (वित्त वर्ष 2024-25)
| संकेतक | मूल्य (वित्त वर्ष 2024-25) | स्रोत |
|---|---|---|
| जीडीपी वृद्धि दर (अनुमानित) | 6.4% |  |
| पिछले वर्ष की जीडीपी वृद्धि (वित्त वर्ष 2023-24) | 8.2% |  |
| आरबीआई का संशोधित वृद्धि अनुमान (चालू वित्त वर्ष) | 6.6% |  |
| विदेशी मुद्रा भंडार (दिसंबर 2024 तक) | $640.3 बिलियन |  |
| बाहरी ऋण से जीडीपी अनुपात (सितंबर 2024 तक) | 19.4% |  |
| कुल बजट प्राप्तियां (ऋण को छोड़कर) | ₹32.07 लाख करोड़ |  |
यह तालिका भारत के व्यापक आर्थिक स्वास्थ्य और राजकोषीय स्थिति का एक संक्षिप्त, त्वरित सारांश प्रदान करती है। नीति शोधकर्ताओं, सरकारी अधिकारियों या छात्रों के लिए, यह महत्वपूर्ण आर्थिक संकेतकों तक त्वरित पहुंच प्रदान करती है, जिससे उन्हें राष्ट्र के आर्थिक प्रदर्शन, राजकोषीय अनुशासन और समग्र वित्तीय स्थिरता का आकलन करने में मदद मिलती है। यह पिछली अवधियों के साथ आसान तुलना की सुविधा प्रदान करता है और उन आर्थिक संदर्भ की त्वरित समझ की अनुमति देता है जिसमें नीतियां लागू की जा रही हैं।
C. सामाजिक कल्याण और मानव विकास
जुलाई 2024 से जुलाई 2025 की अवधि में भारत में सामाजिक कल्याण और मानव विकास के लिए कई महत्वपूर्ण सरकारी योजनाएं और पहल देखी गईं, जो समावेशी विकास और कमजोर वर्गों के उत्थान पर केंद्रित हैं।
प्रमुख सरकारी योजनाएं और सामाजिक पहल:
केंद्रीय बजट 2025-24 (संभावित रूप से 2024-25) स्पष्ट रूप से "समावेशी मानव संसाधन विकास और सामाजिक न्याय" को प्राथमिकता देता है , जो सामाजिक नीति के लिए मार्ग प्रशस्त करता है। पीएम विश्वकर्मा, पीएम स्वनिधि, दीनदयाल अंत्योदय योजना-राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (डीएवाई-एनआरएलएम), और स्टैंड अप इंडिया जैसी सशक्तिकरण योजनाएं कारीगरों, स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी), महिला उद्यमियों और स्ट्रीट वेंडरों का समर्थन करने के लिए तेज की जा रही हैं ।
सभी के लिए आवास के लक्ष्य के तहत, प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) का उद्देश्य ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में अतिरिक्त 3 करोड़ घरों का निर्माण करना है । आदिवासी उत्थान के लिए, प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान शुरू किया गया है, जिसका लक्ष्य आदिवासी समुदायों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार करना है, जिसमें 63,000 गांवों को लक्षित किया गया है और 5 करोड़ आदिवासियों को लाभ होगा । इस पहल में एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय, वन अधिकार अधिनियम (एफआरए), और वन धन केंद्र जैसे उपाय भी शामिल हैं ।
महिला और बाल विकास पर विशेष ध्यान दिया गया है, जिसमें महिलाओं और लड़कियों को लाभ पहुंचाने वाली योजनाओं के लिए ₹3 लाख करोड़ से अधिक का महत्वपूर्ण आवंटन किया गया है । महिला और बाल विकास मंत्रालय का बजट 2024-25 के लिए 2.5% बढ़कर ₹26,092 करोड़ हो गया है ।
स्वच्छता और स्वास्थ्य के मोर्चे पर, स्वच्छ भारत अभियान - ग्रामीण चरण II (2019-2025) खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) स्थिति को बनाए रखने और ठोस/तरल अपशिष्ट प्रबंधन पर अपना ध्यान केंद्रित करना जारी रखता है, जिसमें लगभग 1.5 करोड़ शौचालयों का निर्माण किया गया है । इस अभियान को सालाना 60,000-70,000 शिशु जीवन बचाने और 2019 तक डायरिया से होने वाली मौतों को 3 लाख कम करने का श्रेय दिया गया है ।
कृषि सहायता पहलों में 109 नई उच्च उपज वाली फसल किस्मों को जारी करना, 1 करोड़ किसानों के लिए प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना, 10,000 जैव-इनपुट केंद्र स्थापित करना और दलहन/तिलहन उत्पादन बढ़ाना शामिल है । कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) को तीन साल में लागू करने की योजना है ।
रोजगार और कौशल विकास के लिए, बजट प्रावधानों में पांच साल में 20 लाख युवाओं को कुशल बनाने, 1,000 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई) को अपग्रेड करने, उच्च शिक्षा के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करने और मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित करने की योजनाएं शामिल हैं, ताकि सालाना 25,000 छात्रों को ₹7.5 लाख तक के ऋण की पेशकश की जा सके । किसानों की आय का समर्थन करने के लिए, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) एक 100% केंद्र-वित्त पोषित योजना है जो भूमिधारक किसानों को प्रति वर्ष ₹6,000 प्रदान करती है । पीएमएफबीवाई, पीएमकेएसवाई, ई-नाम और कृषि कल्याण अभियान जैसी अन्य कृषि योजनाएं भी जारी हैं ।
स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र के अपडेट:
स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे के संबंध में, आयुष्मान सहकार योजना अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों के निर्माण/नवीनीकरण, चिकित्सा उपकरण खरीदने, कर्मचारियों को प्रशिक्षित करने और निवारक स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है । असंगठित क्षेत्र के कल्याण के लिए, ई-श्रम पोर्टल असंगठित श्रमिकों के लिए एक राष्ट्रीय डेटाबेस के रूप में कार्य करता है, जिसमें 30.68 करोड़ से अधिक पंजीकरण हैं, जिनमें से 53.68% महिलाएं हैं । अटल पेंशन योजना (APY) में 7.25 करोड़ नामांकन हैं, जो अनौपचारिक क्षेत्र के लिए सेवानिवृत्ति सुरक्षा को मजबूत करता है ।
सामाजिक सुरक्षा में चुनौतियां बनी हुई हैं। 2023 की सीएजी रिपोर्ट में निर्माण श्रमिक कल्याण उपकर में ₹70,000 करोड़ से अधिक अप्रयुक्त रहने का उल्लेख किया गया है । इसके अतिरिक्त, भारत का सामाजिक सुरक्षा खर्च (स्वास्थ्य को छोड़कर) जीडीपी का लगभग 5% है, जो वैश्विक औसत (आईएलओ रिपोर्ट 2024-26) के लगभग 13% से काफी कम है । कुछ पोषण कार्यक्रमों में भोजन की निम्न गुणवत्ता के बारे में भी चिंताएं उठाई गई हैं ।
कमजोर वर्गों और सामुदायिक विकास पर ध्यान केंद्रित:
आदिवासी स्वास्थ्य और पर्यावरण पर जोर दिया गया है, जिसमें आदिवासी आहार, मौसमी चक्र और प्राकृतिक उपचार परंपराओं को मुख्यधारा की स्वास्थ्य प्रणालियों में एकीकृत करना शामिल है । आदिवासी समूहों के स्वामित्व वाले विकेन्द्रीकृत नवीकरणीय ऊर्जा मॉडल को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय जलवायु अनुकूलन योजनाओं में आदिवासी लोगों को जलवायु संरक्षक के रूप में मान्यता देना भी प्रमुख पहल हैं । सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) का स्थानीयकरण अनुसूचित क्षेत्रों में एकीकृत किया जा रहा है, यह सुनिश्चित करते हुए कि विकास मॉडल सांस्कृतिक समृद्धि और पारिस्थितिक संतुलन को ध्यान में रखें ।
प्रेक्षण:
केंद्र सरकार की सामाजिक कल्याण पहल एक व्यापक और बहुआयामी दृष्टिकोण प्रदर्शित करती है, जो बुनियादी जरूरतों से परे कौशल विकास, वित्तीय समावेशन और आवास (पीएम विश्वकर्मा, पीएम स्वनिधि, पीएम आवास योजना) तक फैली हुई है । महिलाओं और लड़कियों के लिए पर्याप्त आवंटन  और आदिवासी समुदायों के लिए समर्पित कार्यक्रम (पीएम जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान, आदिवासी स्वास्थ्य और पर्यावरण प्रथाओं का एकीकरण)  ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर पड़े वर्गों को सशक्त बनाने और अधिक न्यायसंगत और समावेशी विकास सुनिश्चित करने के लिए एक लक्षित रणनीति को उजागर करते हैं।
महत्वाकांक्षी सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के बावजूद, वैश्विक औसत की तुलना में सामाजिक सुरक्षा पर खर्च किए गए जीडीपी का कम प्रतिशत  और निर्माण श्रमिक कल्याण उपकर में महत्वपूर्ण अप्रयुक्त धन  नीतिगत इरादे और जमीनी स्तर पर प्रभावी प्रभाव के बीच संभावित विसंगतियों को प्रकट करते हैं। यह विरोधाभास धन आवंटन, प्रशासनिक दक्षता और पहुंच में लगातार चुनौतियों का सुझाव देता है, विशेष रूप से असंगठित क्षेत्र के लिए, जो सामाजिक सुरक्षा लक्ष्यों की पूर्ण प्राप्ति में बाधा डालता है।
नई उच्च उपज वाली फसल किस्मों को पेश करने, प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने, जैव-इनपुट केंद्र स्थापित करने , और कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना को लागू करने पर रणनीतिक ध्यान टिकाऊ कृषि और ग्रामीण आजीविका के लिए एक महत्वपूर्ण विषय को दर्शाता है। यह दृष्टिकोण न केवल खाद्य सुरक्षा और कृषि उत्पादकता को बढ़ाने पर केंद्रित है, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं को मजबूत करने और जलवायु लचीलापन को बढ़ावा देने पर भी केंद्रित है, जो दीर्घकालिक ग्रामीण समृद्धि के लिए एक व्यापक रणनीति का निर्माण करता है।
D. पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति
जुलाई 2024 से जुलाई 2025 की अवधि में भारत ने पर्यावरण संरक्षण और वैज्ञानिक नवाचार के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को मजबूत किया, जिसमें सतत विकास और तकनीकी आत्मनिर्भरता पर जोर दिया गया।
पर्यावरण संरक्षण और जलवायु कार्रवाई:
जुलाई 2024 तक, 17 राज्यों और एक केंद्र शासित प्रदेश को वृक्षारोपण और पारिस्थितिक बहाली के लिए 155,130 हेक्टेयर में ₹909.82 करोड़ आवंटित किए गए हैं । महाराष्ट्र के पालघर जिले में, दहानू डिवीजन में 464.20 हेक्टेयर को जीआईएम के तहत वृक्षारोपण और पारिस्थितिक बहाली के लिए कवर किया गया है ।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा प्रबंधित एक वन अग्नि पहचान प्रणाली, रिमोट सेंसिंग तकनीक का उपयोग करके लगभग वास्तविक समय में वन अग्नि का पता लगाती है और जानकारी साझा करती है । पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (MoEFCC) द्वारा वन अग्नि के परिणामस्वरूप उत्पन्न आपदाओं से निपटने के लिए एक आपदा प्रबंधन समूह का भी गठन किया गया है । इस योजना का उद्देश्य वन अग्नि की घटनाओं को कम करना और प्रभावित क्षेत्रों में उत्पादकता को बहाल करना है, जिसमें स्थानीय समुदायों की भागीदारी और आधुनिक तकनीक का उपयोग शामिल है ।
विश्व पर्यावरण दिवस 2025 के अवसर पर, विकास और पर्यावरणीय संतुलन के बीच सामंजस्य स्थापित करने पर ध्यान केंद्रित किया गया। मिशन LiFE और 'एक पेड़ माँ के नाम' अभियान को उजागर किया गया, जो भारत की पारंपरिक जीवन शैली और प्रकृति संरक्षण के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है ।
अंतरिक्ष मिशन और वैज्ञानिक उपलब्धियां (इसरो):
भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन, गगनयान-3, 2024 में लॉन्च होने की संभावना है । मानव मिशन की तैयारी के रूप में 'व्योममित्र' के साथ एक मानवरहित परीक्षण उड़ान की योजना है । इसरो-नासा की संयुक्त उड़ान अगले साल अप्रैल (2025) में अंतरिक्ष यात्रा पर रवाना होगी । शुक्र के अध्ययन के लिए अंतरिक्ष यान 'शुक्रयान-1' दिसंबर 2024 के अंत तक प्रक्षेपित होने की संभावना है । भारत का अंतरिक्ष स्टेशन 2030 तक स्थापित होने की योजना है ।
2025 में छह बड़े मिशन लॉन्च होने वाले हैं, जिनमें मार्च में भारत-अमेरिका द्वारा संयुक्त रूप से निर्मित NISAR उपग्रह शामिल है, जिसकी लागत ₹12,505 करोड़ है और यह अब तक का सबसे महंगा उपग्रह है, जो हर 12 दिन में पृथ्वी की सतह और बर्फ की निगरानी करेगा । जनवरी 2025 में GSLV रॉकेट के माध्यम से उन्नत नेविगेशन उपग्रह NVS-02 भी लॉन्च किया जाएगा । इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने 2025 में चार GSLV, तीन PSLV और एक SSLV रॉकेट लॉन्च करने की योजना बताई है ।
छोटे उपग्रहों को किफायती रूप से लॉन्च करने के लिए, SSLV की तीसरी और अंतिम विकासात्मक उड़ान 10 जुलाई, 2024 के आसपास अपेक्षित है । इस रॉकेट का उद्देश्य भारत को सबसे सस्ती लॉन्चिंग के मामले में एक नेता बनाना है, जिसकी लागत ₹30 करोड़ प्रति लॉन्च है, जबकि पीएसएलवी की लागत ₹130-200 करोड़ है । तमिलनाडु के कुलाशेखरापट्टनम में एक नया स्पेसपोर्ट भी बनाया जा रहा है ।
अन्य महत्वपूर्ण वैज्ञानिक उपलब्धियों में, मार्च 2024 में कोलकाता में देश की पहली अंडरवाटर मेट्रो लाइन का उद्घाटन हुआ । 2024 में पहली बार राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार प्रदान किए गए, जिसकी स्थापना 2023 में हुई थी; 33 वैज्ञानिकों का चयन किया गया और पहला 'विज्ञान रत्न सम्मान' प्रोफेसर जी. पद्मनाभन को प्रदान किया गया । जुलाई 2024 में, वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) ने भोपाल में पांच संस्थानों के साथ मिलकर राष्ट्रीय हिंदी विज्ञान सम्मेलन का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य हिंदी में विज्ञान शोधपत्र लेखन को बढ़ावा देना था । 2024 में भारत अपने सभी जीव-जंतुओं की सूची बनाने वाला पहला देश बन गया, जिसमें लगभग एक लाख प्रजातियों को शामिल किया गया है ।
वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार पहल:
आईआरजी योजना अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति के शोधकर्ताओं को विज्ञान और इंजीनियरिंग के अग्रणी क्षेत्रों में अनुसंधान करने के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करती है । आगामी वर्ष-2025 में, गति कार्यक्रम का मुख्य चरण शुरू करने और विज्ञान ज्योति कार्यक्रम के समर्थन को यूजी/पीजी स्तर तक विस्तारित करने की अस्थायी रूप से योजना बनाई जा रही है । 2025 के लिए अन्य प्रमुख गतिविधियों में विरासत वस्त्रों पर उत्कृष्टता केंद्र, निवारक स्वास्थ्य और समग्र कल्याण के लिए योग और ध्यान पर उत्कृष्टता केंद्र, और पारंपरिक चिकित्सा पद्धतियों पर एक कार्यक्रम का विकास शामिल है । भारत वैश्विक नवाचार सूचकांक में 39वें स्थान पर है और बौद्धिक संपदा फाइलिंग में दुनिया भर में 6वें स्थान पर है । राष्ट्रीय क्वांटम मिशन ने चार विषयगत केंद्र स्थापित किए हैं ।
प्रेक्षण:
गगनयान, शुक्रयान, भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन, और किफायती एसएसएलवी लॉन्च पर ध्यान केंद्रित करने के साथ-साथ वृक्षारोपण और वन अग्नि प्रबंधन जैसी पर्यावरणीय पहलों को जोड़ना, अंतरिक्ष और हरित ऊर्जा में आत्मनिर्भरता के लिए एक रणनीतिक प्रयास को दर्शाता है। यह भारत की दीर्घकालिक स्थिरता और तकनीकी क्षमता के लिए एक एकीकृत दृष्टिकोण को दर्शाता है।
राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार, हिंदी विज्ञान सम्मेलन, और जैव विविधता सूची जैसे कार्यक्रम स्वदेशी अनुसंधान और ज्ञान के प्रसार पर एक मजबूत जोर को उजागर करते हैं। यह वैज्ञानिक प्रगति को बढ़ावा देने और स्थानीय भाषाओं और संदर्भों में वैज्ञानिक चर्चाओं को बढ़ावा देने के लिए एक जानबूझकर किया गया प्रयास है, जो एक मजबूत वैज्ञानिक पारिस्थितिकी तंत्र के निर्माण के लिए महत्वपूर्ण है।
वृक्षारोपण, वन अग्नि पहचान प्रणाली और पारंपरिक ज्ञान को बढ़ावा देने का संयोजन पर्यावरण प्रबंधन के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह स्वीकार करता है कि पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने के लिए तकनीकी समाधानों, सामुदायिक भागीदारी और सांस्कृतिक प्रथाओं के एकीकरण की आवश्यकता है, जो सतत विकास के लिए एक बहुआयामी रणनीति का निर्माण करता है।
E. खेल, संस्कृति और पुरस्कार
जुलाई 2024 से जुलाई 2025 की अवधि में भारत में खेल और सांस्कृतिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण गतिविधियां देखी गईं, जिसमें प्रतिभा को मान्यता देने और समृद्ध विरासत को बढ़ावा देने पर जोर दिया गया।
राष्ट्रीय खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम:
खेल मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय खेल पुरस्कार 2024 की घोषणा की गई। इस वर्ष, मनु भाकर, प्रवीण कुमार, डी गुकेश और हरमनप्रीत सिंह सहित 4 खिलाड़ियों को खेल रत्न पुरस्कार से सम्मानित किया गया, जबकि 32 खिलाड़ियों को 2024 में खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए अर्जुन पुरस्कार से सम्मानित किया गया । शतरंज चैंपियन डी गुकेश विश्वनाथन आनंद के बाद खेल रत्न पुरस्कार पाने वाले दूसरे शतरंज खिलाड़ी बने और इस पुरस्कार को जीतने वाले सबसे कम उम्र के खिलाड़ी भी बन गए । पुरस्कार 17 जनवरी, 2025 को राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति द्वारा प्रदान किए गए ।
कला की 64वीं राष्ट्रीय प्रदर्शनी जुलाई-अगस्त 2024 में आयोजित की गई थी, जिसमें भाग लेने की न्यूनतम आयु 25 वर्ष थी। प्रवेश फॉर्म ललित कला अकादमी के नई दिल्ली स्थित मुख्यालय और क्षेत्रीय केंद्रों से प्राप्त किए जा सकते थे ।
5वां राष्ट्रीय ईएमआरएस सांस्कृतिक एवं साहित्यिक महोत्सव और कला उत्सव 2024 ओडिशा मॉडल आदिवासी शैक्षिक समाज (ओएमटीईएस) द्वारा आयोजित किया गया था, जो भगवान बिरसा मुंडा की 150वीं जयंती को समर्पित था। इस वर्ष के महोत्सव का विषय "भगवान बिरसा मुंडा और आदिवासी स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि" था । इसका उद्देश्य सांस्कृतिक अभिव्यक्ति के माध्यम से आदिवासी छात्रों को सशक्त बनाना और उनके सामाजिक और शैक्षिक कौशल को बढ़ाना है ।
भारतीय कला महोत्सव का पहला संस्करण राष्ट्रपति द्वारा 28 सितंबर, 2024 को सिकंदराबाद (हैदराबाद) में राष्ट्रपति निलयम में उद्घाटन किया गया था। यह आठ दिवसीय महोत्सव राष्ट्रपति निलयम द्वारा पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्रालय और संस्कृति मंत्रालय के सहयोग से आयोजित किया गया था । संस्कृति मंत्रालय की एक पहल, प्रोजेक्ट PARI (प्रोजेक्ट फॉर आर्ट एंड रीजनल इंटीग्रेशन), जुलाई 2024 में शुरू हुई, जो क्षेत्रीय कला रूपों को बढ़ावा देने और भारत की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने पर केंद्रित है । जुलाई माह में देव शैन एकादशी (6 जुलाई) और प्रदोष व्रत (8 जुलाई) जैसे प्रमुख व्रत और त्योहार भी मनाए गए ।
पुरस्कार और सम्मान:
पद्म पुरस्कार 2025 की घोषणा की गई, जिसमें 139 पुरस्कार शामिल थे: 7 पद्म विभूषण, 19 पद्म भूषण और 113 पद्म श्री । इनमें 23 महिलाएं, 10 विदेशी और 13 मरणोपरांत विजेता शामिल थे । डॉ. नीरजा भटला को सर्वाइकल कैंसर के क्षेत्र में उनके काम के लिए पद्म श्री मिला । हरविंदर सिंह, पहले पैरा तीरंदाज और 2024 पेरिस पैरालिंपिक में स्वर्ण पदक विजेता, को पद्म भूषण मिला ।
3 जुलाई, 2025 को लंदन की ब्रिटिश संसद में राजस्थान की पांच हस्तियों को भारत गौरव अलंकरण से सम्मानित किया जाएगा ।
प्रेक्षण:
त्योहारों, कला प्रदर्शनियों और प्रोजेक्ट PARI जैसी पहलों के माध्यम से भारत की विविध सांस्कृतिक विरासत का प्रचार देश की समृद्ध सांस्कृतिक विविधता को उजागर करता है और इसके संरक्षण और संवर्धन के लिए एक ठोस प्रयास को दर्शाता है। यह सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने और कलात्मक अभिव्यक्ति को बढ़ावा देने के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण को इंगित करता है।
राष्ट्रीय खेल पुरस्कार और पद्म पुरस्कारों के माध्यम से खेल, कला और सामाजिक सेवा सहित विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता को मान्यता देने पर जोर दिया गया है। यह प्रतिभा को बढ़ावा देने, कड़ी मेहनत को पुरस्कृत करने और व्यक्तियों को उनके संबंधित क्षेत्रों में उच्च मानकों के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
ईएमआरएस महोत्सव का विषय और उद्देश्य आदिवासी छात्रों को सांस्कृतिक रूप से सशक्त बनाने और उनके सामाजिक और शैक्षिक कौशल को बढ़ाने पर एक रणनीतिक ध्यान केंद्रित करता है। यह आदिवासी संस्कृति के महत्व को स्वीकार करता है और इसे मुख्यधारा के प्लेटफार्मों पर एकीकृत करने के लिए सक्रिय कदम उठाता है, जो समावेशी सांस्कृतिक विकास के लिए एक व्यापक दृष्टिकोण का निर्माण करता है।
IV. राज्य करेंट अफेयर्स: राजस्थान (जुलाई 2024 - जुलाई 2025)
A. राजनीतिक और शासन संबंधी विकास
जुलाई 2024 से जुलाई 2025 की अवधि में राजस्थान में शासन और नीति निर्माण में महत्वपूर्ण बदलाव देखे गए, जो प्रशासनिक दक्षता, सार्वजनिक कल्याण और कानून व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
प्रमुख विधायी परिवर्तन और नीतिगत सुधार:
भारत के अन्य हिस्सों के साथ, राजस्थान में भी 1 जुलाई, 2025 से तीन नए कानून लागू होंगे: भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023, और भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 । ये कानून 150 साल पुरानी दंड-आधारित न्याय प्रणाली को बदलने के लिए तैयार हैं । शिक्षा विभाग ने 1 जुलाई से स्कूल खोलने के लिए नए नियम और आदेश जारी किए हैं ।
खनन माफिया पर शिकंजा कसने के लिए, राजस्थान सरकार 1 जुलाई से एक नई व्यवस्था लागू कर रही है, जिसमें बजरी और अन्य खनिजों के परिवहन के लिए जीपीएस और टैग लगे वाहनों का उपयोग किया जाएगा । राजस्थान विधियां निरसन विधेयक 2025 भी पारित किया गया, जिसने 1952 से 2021 के बीच के 45 पुराने और अप्रचलित कानूनों को समाप्त कर दिया, जिनमें से अधिकांश पंचायती राज विभाग से संबंधित थे । इसका उद्देश्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल बनाना है ।
राज्य सरकार ने नई युवा नीति और खेल नीति की भी घोषणा की है । इसके अतिरिक्त, नए आबकारी कानून और नई खनिज नीति लाने की घोषणा की गई है । पेट्रोल और डीजल पर वैट कम किया गया है, और "एक राज्य एक मूल्य" की पहल की गई है । भू-राजस्व और चीनी/गुड़ पर मंडी शुल्क समाप्त कर दिया गया है । हस्तांतरणीय विकास अधिकार (टीडीआर) की प्रक्रिया को स्वचालित करते हुए स्टांप शुल्क में पूरी छूट दी गई है, और इसके विक्रय पर स्टांप शुल्क घटाकर 2% कर दिया गया है । आवास ऋणों पर स्टांप शुल्क की अधिकतम सीमा ₹1 लाख और पंजीकरण शुल्क की अधिकतम सीमा ₹25,000 कर दी गई है । बाईस सीट से अधिक बैठक क्षमता वाले यात्री वाहनों के विशेष परमिट पर मोटर वाहन कर की दर ₹600 प्रति दिन और पर्यटक यात्री वाहनों पर ₹875 प्रति सीट प्रति माह कर दी गई है ।
महत्वपूर्ण नियुक्तियाँ और प्रमुख निर्णय:
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने हरि भाऊ किसानराव बागड़े को राजस्थान का नया राज्यपाल नियुक्त किया है । विश्वविद्यालयों के कुलपतियों का नाम बदलकर अब 'कुलगुरु' कर दिया गया है । अपराध नियंत्रण के लिए पुलिस में 5500 नए पदों का सृजन किया गया है । लड़कियों और महिलाओं से छेड़छाड़ रोकने के लिए 500 'कालिका गश्त इकाइयों' का गठन किया जाएगा, जिसमें पहले चरण में 250 इकाइयां शामिल होंगी । जयपुर में सुरक्षा पुलिस बल और आरएसी में महिला पुलिस बटालियन के गठन की भी घोषणा की गई है ।
प्रेक्षण:
पुराने कानूनों को निरस्त करने और नई नीतियों को पेश करने का कार्य प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और शासन में दक्षता और आसानी को बढ़ावा देने के लिए एक स्पष्ट प्रतिबद्धता को दर्शाता है। यह पहल अनावश्यक नौकरशाही बाधाओं को दूर करके और एक अधिक उत्तरदायी और प्रभावी शासन प्रणाली स्थापित करके सार्वजनिक सेवा वितरण में सुधार करना चाहती है।
पेट्रोल और डीजल पर वैट में कमी, विभिन्न करों का उन्मूलन और स्टांप शुल्क में बदलाव जैसे राजकोषीय उपाय सार्वजनिक कल्याण और आर्थिक राहत पर ध्यान केंद्रित करते हैं। इन परिवर्तनों का उद्देश्य नागरिकों पर वित्तीय बोझ को कम करना और आवास और अन्य क्षेत्रों में आर्थिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करना है, जिससे राज्य के भीतर व्यापक आर्थिक लाभ हो सके।
पुलिस बल में नए पदों का निर्माण और 'कालिका गश्त इकाइयों' का गठन कानून और व्यवस्था को मजबूत करने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें महिलाओं और लड़कियों की सुरक्षा पर विशेष जोर दिया गया है। यह लिंग-संवेदनशील सुरक्षा उपायों को एकीकृत करने और अपराध को रोकने के लिए एक व्यापक रणनीति का प्रतिनिधित्व करता है, जो नागरिकों के लिए एक सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करता है।
B. आर्थिक परिदृश्य और निवेश
जुलाई 2024 से जुलाई 2025 तक की अवधि में राजस्थान ने मजबूत आर्थिक विकास और रणनीतिक निवेश पर ध्यान केंद्रित किया, जिसमें राजकोषीय विवेक और व्यापक बुनियादी ढांचा विकास पर जोर दिया गया।
जीएसडीपी वृद्धि और आर्थिक दृष्टिकोण:
वित्त वर्ष 2024-25 के लिए राजस्थान का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) (मौजूदा कीमतों पर) ₹17,81,078 करोड़ होने का अनुमान है, जो 2023-24 की तुलना में 17% की वृद्धि है । कुल व्यय का लक्ष्य 2024-25 में ₹3,34,796 करोड़ है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान की तुलना में 10% की वृद्धि है । प्राप्तियां (उधारियों को छोड़कर) ₹2,64,787 करोड़ होने का अनुमान है, जिसमें 11% की वृद्धि है ।
राजस्व घाटा 2024-25 में जीएसडीपी का 1.4% (₹25,758 करोड़) होने का अनुमान है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान (जीएसडीपी का 2%) से कम है । राजकोषीय घाटा जीएसडीपी के 3.9% (₹70,009 करोड़) पर लक्षित है, जो 2023-24 के संशोधित अनुमान चरण में 4.3% था । यह केंद्र सरकार द्वारा राज्यों को दी गई 3.5% की राजकोषीय घाटा सीमा (बिजली क्षेत्र में सुधार पर 0.5% सहित) के भीतर है । राजस्व व्यय ₹2,90,219 करोड़ प्रस्तावित है (8% की वृद्धि) , जबकि पूंजीगत परिव्यय ₹44,216 करोड़ प्रस्तावित है (27% की वृद्धि) । राज्य का ऋण और अग्रिम राशि ₹360 करोड़ होने की उम्मीद है, जो 28% की कमी है ।
राज्य जीएसटी स्वयं कर राजस्व का सबसे बड़ा स्रोत होने का अनुमान है (44% हिस्सा), जिसमें 2024-25 में 16% की वृद्धि अपेक्षित है । बिक्री कर/वैट और राज्य उत्पाद शुल्क से राजस्व में क्रमशः 12% और 10% की वृद्धि का अनुमान है । राज्य का लक्ष्य 2030 तक $350 बिलियन की अर्थव्यवस्था बनना है ।
प्रमुख निवेश परियोजनाएं और बुनियादी ढांचा पहल:
सड़क विकास के लिए अगले पांच वर्षों में ₹60,000 करोड़ का बजट आवंटित किया गया है, जिसमें से 2024-25 के लिए ₹11,986 करोड़ आवंटित किए गए हैं । 9,600 किलोमीटर नई सड़कों का निर्माण और 13,000 किलोमीटर मौजूदा सड़कों का उन्नयन किया गया है । आगामी वर्ष में सड़कों के निर्माण और रखरखाव के लिए ₹5,000 करोड़ से अधिक आवंटित किए जाएंगे । राम जल सेतु लिंक परियोजना शुरू हो गई है । अटल प्रगति पथ, रिंग रोड और विभिन्न सेक्टर रोड परियोजनाओं की भी योजना है ।
जल आपूर्ति (ग्रामीण) के लिए, जल जीवन योजना को 2028 तक बढ़ाया गया है । आगामी वर्ष में 20 लाख घरों को जल कनेक्शन मिलेंगे । ग्रामीण पेयजल सुविधाओं के लिए ₹425 करोड़ से अधिक की विभिन्न परियोजनाएं शुरू की जाएंगी, जिसमें गजनेर, कोलायत, लूणकरणसर, नागौर, पाली, चूरू, अजमेर, टोंक, जोधपुर, बीकानेर, बाड़मेर, सिरोही, जयपुर, कोटा, बांसवाड़ा, डीडवाना कुचामन जैसे जिलों में कार्य शामिल हैं । जल जीवन मिशन के तहत 2024-25 के बजट के अनुसार 25 लाख ग्रामीण घरों तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है ।
शहरी जल आपूर्ति के तहत, अमृत 2.0 योजना के तहत 183 शहरी स्थानीय निकायों में पेयजल आपूर्ति के लिए ₹5,123 करोड़ की परियोजनाएं शुरू की गई हैं । मुख्यमंत्री जल जीवन मिशन (शहरी) भी शुरू किया जाएगा, जिसमें चरणों में ₹5,830 करोड़ से अधिक की परियोजनाएं शामिल होंगी ।
ऊर्जा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें आगामी वर्ष में 6,400 मेगावाट अतिरिक्त बिजली उत्पादन का लक्ष्य है । 5,700 मेगावाट बिजली उत्पादन प्रस्तावित है । रबी 2025 के लिए, बिजली वितरण क्षमता 20,700 मेगावाट तक बढ़ाई जाएगी । 50,000 नए कृषि कनेक्शन और 5 लाख नए कनेक्शन दिए जाएंगे । अन्य राज्यों को उच्च दरों पर बिजली बेचने की प्रणाली समाप्त की जाएगी । निजी क्षेत्र द्वारा 10,000 मेगावाट नवीकरणीय ऊर्जा उत्पादन और 10 ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना पर जोर दिया गया है । नए जी.एस.एस. और बिजली लाइनों का निर्माण भी प्रस्तावित है । मुख्यमंत्री मुफ्त बिजली योजना के लाभार्थी परिवारों को पीएम सूर्य घर मुफ्त बिजली योजना के तहत प्रति माह 100 यूनिट मुफ्त बिजली प्रदान की जाएगी, जिसे 150 यूनिट से बढ़ाया गया है । कम आय वाले परिवारों के लिए सामुदायिक सौर संयंत्र प्रस्तावित हैं । वित्त वर्ष 2025 तक 30 गीगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है । बीकानेर में 1,000 मेगावाट सौर और 125 मेगावाट लिग्नाइट संयंत्र स्थापित करने के लिए एनएलसी इंडिया के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं (₹7,000 करोड़ का निवेश) । 4 प्रमुख सौर परियोजनाओं (बीकानेर में 2,450 मेगावाट और फलोदी में 500 मेगावाट) के लिए भूमि को मंजूरी दी गई है । पीएम कुसुम योजना को मजबूत किया जा रहा है, जिससे 50,000 से अधिक खेतों में सौर पंप स्थापित होंगे और 200 मेगावाट बिजली उत्पन्न होगी ।
औद्योगिक विकास के लिए, पचपदरा (बाड़मेर) में राजस्थान पेट्रो जोन विकसित किया जाएगा और एक रक्षा विनिर्माण हब खोला जाएगा । नई औद्योगिक नीति 2024 और नई निर्यात प्रोत्साहन नीति 2024 भी पेश की गई है । राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना (आरआईपीएस)-2024 में एमएसएमई के लिए अतिरिक्त प्रावधान किए गए हैं ।
पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, राजस्थान पर्यटन बोर्ड का गठन किया जा रहा है । खाटू श्याम जी (सीकर) से उज्जैन के महाकाल तक एक आध्यात्मिक गलियारा बनाया जाएगा (मध्य प्रदेश के साथ समझौता) । जयपुर में दिल्ली के भारत मंडपम की तर्ज पर राजस्थान मंडपम बनाया जाएगा । जैसलमेर में एक जीवाश्म पार्क और ओपन रॉक्स संग्रहालय भी प्रस्तावित है । केवलादेव राष्ट्रीय उद्यान के पास एक प्राणी उद्यान और मछलीघर, और नाहरगढ़ जैविक उद्यान में एक वॉक-इन एवियरी भी प्रस्तावित है ।
प्रेक्षण:
राजस्व और राजकोषीय घाटे में कमी और पूंजीगत परिव्यय में वृद्धि राजकोषीय विवेक और संपत्ति निर्माण पर ध्यान केंद्रित करने का संकेत देती है। यह राज्य के वित्तीय स्वास्थ्य को मजबूत करने और दीर्घकालिक विकास के लिए आवश्यक बुनियादी ढांचे में निवेश करने के लिए एक ठोस प्रयास को दर्शाता है।
सड़कों, जल आपूर्ति और ऊर्जा में बहु-क्षेत्रीय दृष्टिकोण के साथ व्यापक बुनियादी ढांचा विकास, राज्य के समग्र विकास के लिए एक एकीकृत रणनीति को दर्शाता है। ये परियोजनाएं न केवल कनेक्टिविटी और पहुंच में सुधार करती हैं बल्कि आर्थिक गतिविधियों और जीवन की गुणवत्ता के लिए महत्वपूर्ण सुविधाएं भी प्रदान करती हैं।
सौर ऊर्जा उत्पादन में महत्वाकांक्षी लक्ष्य और संबंधित परियोजनाएं नवीकरणीय ऊर्जा में रणनीतिक निवेश को उजागर करती हैं। यह ऊर्जा आत्मनिर्भरता प्राप्त करने, कार्बन पदचिह्न को कम करने और हरित अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए राज्य की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण है।
पर्यटन बोर्ड का गठन, आध्यात्मिक गलियारे का निर्माण और औद्योगिक क्षेत्रों का विकास पर्यटन और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए एक सक्रिय दृष्टिकोण को दर्शाता है। ये पहल राजस्व सृजन, रोजगार के अवसर पैदा करने और राज्य की आर्थिक विविधता को बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
C. सामाजिक कल्याण और मानव विकास
जुलाई 2024 से जुलाई 2025 की अवधि में राजस्थान ने सामाजिक कल्याण और मानव विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं और पहल शुरू कीं, जो एक व्यापक कल्याणकारी राज्य मॉडल और कमजोर वर्गों के सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित करती हैं।
प्रमुख सरकारी योजनाएं और सामाजिक पहल:
राज्य के बजट 2024-25 में जन घोषणापत्र के 58% वादों और बजट घोषणाओं के 73% को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है । "सर्वजन हिताय" दृष्टिकोण पर जोर दिया गया है ।
सामाजिक सुरक्षा के तहत, गुड समैरिटन्स के लिए प्रोत्साहन राशि बढ़ाकर ₹10,000 कर दी गई है । अनुसूचित जाति उप-योजना (एससीएसपी) और जनजातीय उप-योजना (टीएसपी) के लिए धन बढ़ाकर ₹1,500 करोड़ कर दिया गया है । बाबा साहेब अंबेडकर आदर्श ग्राम विकास योजना के तहत 10,000 से अधिक आबादी वाले गांवों में वंचित वर्ग की आबादी के लिए बुनियादी ढांचे के लिए ₹200 करोड़ का प्रावधान किया गया है । गोविंद गुरु जनजातीय क्षेत्रीय विकास योजना के तहत अनुसूचित क्षेत्र (टीएसपी) के जनजातीय परिवारों के समग्र विकास के लिए ₹75 करोड़ का प्रावधान किया गया है ।
पेंशन के मामले में, स्वतंत्रता सेनानियों की सम्मान पेंशन राशि ₹50,000 से बढ़ाकर ₹60,000 प्रति माह कर दी गई है । द्वितीय विश्व युद्ध के शहीदों की पेंशन राशि ₹10,000 से बढ़ाकर ₹15,000 प्रति माह कर दी गई है ।
आवास क्षेत्र में, मुख्यमंत्री स्वनिधि योजना शहरी क्षेत्रों और कस्बों में स्ट्रीट वेंडरों और अन्य जरूरतमंद परिवारों के लिए शुरू की गई है । प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लाभार्थियों को ₹25,000 अतिरिक्त दिए जाएंगे । जयपुर में पहली लैंड पूलिंग योजना शुरू की गई है ।
महिला सशक्तिकरण के लिए, राजस्थान लाडो प्रोत्साहन योजना के तहत बालिकाओं को ₹1 लाख की राशि दी जाती है, जो पहले राजश्री योजना के तहत ₹50,000 थी । इस योजना का उद्देश्य बालिकाओं को समुचित शिक्षा और संबल प्रदान करना, समाज में उनके प्रति नकारात्मक सोच को समाप्त करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है । लखपति दीदी योजना के तहत लक्ष्य 5 लाख से बढ़ाकर 15 लाख महिलाओं का कर दिया गया है । 40,000 नए स्वयं सहायता समूह (एसएचजी) गठित किए गए हैं, जिन पर लगभग ₹300 करोड़ का व्यय हुआ है । एसएचजी की महिलाओं को राजस्थान महिला निधि क्रेडिट कॉपरेटिव फेडरेशन लिमिटेड के माध्यम से विभिन्न योजनाओं में 2.5% वार्षिक ब्याज दर पर ₹300 करोड़ का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा । जिला स्तर पर कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास और पेइंग गेस्ट सुविधा (₹35 करोड़) और संभाग स्तर पर 'स्वयंसिद्धा आश्रम' भी प्रस्तावित हैं ।
स्वास्थ्य क्षेत्र में, मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य योजना , मुख्यमंत्री आयुष्मान बाल संबल योजना और मुख्यमंत्री आयुष्मान दुर्घटना बीमा योजना जैसी योजनाएं लागू हैं । शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर भी स्थापित किए गए हैं । एमएए योजना में शिशुओं और छोटे बच्चों के इलाज के लिए नए बाल चिकित्सा पैकेज और निजी चिकित्सा संस्थानों के पैनलमेंट मानदंडों में ढील शामिल है । आगामी 3 वर्षों में मुख्यमंत्री आयुष्मान आरोग्य स्वास्थ्य अवसंरचना मिशन के तहत ₹15,000 करोड़ के कार्य किए जाएंगे । राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) में सुपर-स्पेशियलिटी सेवाएं उपलब्ध कराई जाएंगी । बारां जिले द्वारा 15 जुलाई से 25 अक्टूबर 2024 तक 'पोषित लाडो अभियान' चलाया गया, जिसका उद्देश्य छात्रावासों में अध्ययनरत बालिकाओं को एनीमिया मुक्त करना था ।
शिक्षा के क्षेत्र में, स्वामी विवेकानंद स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक योजना  और मुख्यमंत्री किसान शिक्षा प्रोत्साहन योजना 1 जुलाई, 2024 से शुरू की गई है, जो गरीब किसानों, बटाईदार किसानों, लघु और सीमांत किसानों, भूमिहीन और खेतिहर श्रमिकों के बच्चों को केजी से पीजी तक मुफ्त शिक्षा प्रदान करती है । उदयपुर में महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी स्थापित की जाएगी (बजट 2024-25) । बीकानेर में पहली इंडिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब और कोटा में पहला संत कबीर शोध केंद्र स्थापित किया गया है ।
कृषि क्षेत्र में, 'पर ड्रोप मोर क्रोप' और अन्य इंटरवेंशन योजना के तहत फार्म पॉन्ड का निर्माण किया जा रहा है, जिसके लिए किसानों को ₹1.35 लाख तक का अनुदान मिलेगा । गोपाल क्रेडिट कार्ड योजना भी लागू है । मुख्यमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के तहत प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के लाभार्थियों को राज्य सरकार द्वारा ₹2,000 की अतिरिक्त सहायता दी जाएगी । मुख्यमंत्री वृक्षारोपण महाअभियान भी चलाया जा रहा है । जैविक एवं परंपरागत खेती को बढ़ावा देने के लिए ऑर्गेनिक एंड कन्वेंशनल फार्मिंग बोर्ड का गठन किया जाएगा, और जैविक उत्पादों के प्रमाणीकरण के लिए जिलों में इकाइयां और लैब स्थापित करने की योजना है । गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना भी शुरू करने की घोषणा की गई है । रबी फसल सीजन 2024-25 में ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान के लिए आपदा राहत कोष से सहायता वितरित की जाएगी 。
जल संरक्षण के लिए, राजस्थान बजट 2024-25 के अनुसार जल जीवन मिशन के तहत 25 लाख ग्रामीण घरों तक नल से जल पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है । मुख्यमंत्री जल स्वावलंबन अभियान 2.0 के तहत आगामी वर्ष में 4,700 से अधिक गांवों में 1.1 लाख जल संचयन संरचनाओं पर ₹2,700 करोड़ खर्च किए जाएंगे । 4 वर्षों में 20,000 गांवों में 5 लाख जल संचयन संरचनाएं स्थापित करने की घोषणा बजट 2024-25 में की गई थी । झुंझुनू में 5 से 20 जून तक 'वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान' चलाया गया ।
जनजातीय मुद्दे और मांगें:
दक्षिणी राजस्थान के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में एक लोकप्रिय आंदोलन स्वदेशी बीज किस्मों के संरक्षण के लिए काम कर रहा है, जिनमें से अधिकांश विलुप्त होने के कगार पर हैं। यह प्रयास फसल विविधता को बढ़ावा दे रहा है और जलवायु लचीलापन बढ़ा रहा है । बीज उत्सवों की एक श्रृंखला आयोजित की गई, जिसमें पारंपरिक बीजों का प्रदर्शन किया गया और उनके गुणों और महत्व पर इंटरैक्टिव सत्र आयोजित किए गए । बांसवाड़ा स्थित स्वयंसेवी समूह Wagdhara इस कार्यक्रम का मुख्य आयोजक था ।
राजस्थान के आदिवासी समुदाय ने 'भील प्रदेश' नामक एक नए राज्य के गठन की मांग की है, जिसमें राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के 49 जिलों को शामिल करने का प्रस्ताव है । राजस्थान के पूर्व के 33 जिलों में से 12 जिलों को नए राज्य में शामिल करने का अनुरोध किया गया है । भील समुदाय के सबसे बड़े समूह, आदिवासी परिवार सहित 35 संगठनों ने बांसवाड़ा के मानगढ़ धाम में एक विशाल रैली का आयोजन किया ।
राजस्थान सरकार अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से अल्पसंख्यक शरणार्थियों को भारतीय नागरिकता प्रदान करने के लिए विशेष शिविर आयोजित कर रही है । जिला कलेक्टरों को अब नागरिकता प्रमाण पत्र जारी करने का अधिकार दिया गया है । 2016 से 2024 तक राज्य में 2,329 लोगों को नागरिकता प्रदान की गई है, और वर्तमान में 1,566 आवेदन लंबित हैं ।
न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में आयोजित सतत विकास पर उच्च-स्तरीय राजनीतिक मंच (एचएलपीएफ) में वैश्विक चुनौतियों का समाधान करने के लिए राजस्थान के स्थानीय आदिवासी समुदायों के समाधान और नीतिगत भागीदारी को उजागर किया गया । इस मंच का विषय '2030 एजेंडा को मजबूत करना और कई संकटों के समय गरीबी उन्मूलन: सतत, लचीले और अभिनव समाधानों का प्रभावी वितरण' था । मंच पर विशेषज्ञों ने जैव विविधता और पारिस्थितिकी तंत्र में उनके योगदान के लिए स्वदेशी समुदायों को मान्यता देने के महत्व पर जोर दिया, और उनकी पारंपरिक प्रथाओं को सतत विकास के लिए आवश्यक अंतर्दृष्टि प्रदान करने के रूप में उजागर किया ।
प्रेक्षण:
राज्य सरकार की पहल स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला सशक्तिकरण और सामाजिक सुरक्षा को कवर करने वाली योजनाओं की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ एक व्यापक कल्याणकारी राज्य मॉडल को दर्शाती है। यह दृष्टिकोण नागरिकों की भलाई के लिए एक समग्र प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जिसमें जीवन की गुणवत्ता में सुधार और सामाजिक समावेश को बढ़ावा देने का लक्ष्य है।
लाडो प्रोत्साहन, लखपति दीदी और किसान शिक्षा प्रोत्साहन जैसी योजनाएं वित्तीय समावेशन और शिक्षा के माध्यम से सशक्तिकरण पर एक मजबूत ध्यान केंद्रित करती हैं। यह स्वीकार करता है कि आर्थिक स्वतंत्रता और शैक्षिक अवसर कमजोर वर्गों को ऊपर उठाने और उन्हें अपने और अपने परिवारों के लिए बेहतर भविष्य बनाने में सक्षम बनाने के लिए महत्वपूर्ण हैं।
जनजातीय विकास, जल संरक्षण और कृषि सहायता पर ध्यान केंद्रित करना क्षेत्रीय असमानताओं और कमजोरियों को दूर करने के लिए एक लक्षित दृष्टिकोण को दर्शाता है। यह राज्य के भीतर विभिन्न समुदायों की विशिष्ट जरूरतों को पूरा करने और सतत विकास सुनिश्चित करने के लिए संसाधनों को निर्देशित करने के लिए एक जानबूझकर किया गया प्रयास है।
बारां में पोषित लाडो अभियान और ए-हेल्प योजना जैसी पहल सामाजिक क्षेत्रों में सक्रिय शासन को प्रदर्शित करती हैं। यह जमीनी स्तर पर विशिष्ट चुनौतियों का समाधान करने और लक्षित हस्तक्षेपों के माध्यम से तत्काल जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार की क्षमता को दर्शाता है, जिससे कार्यक्रमों की प्रभावशीलता बढ़ जाती है।
D. पर्यावरण, विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति
जुलाई 2024 से जुलाई 2025 की अवधि में राजस्थान ने पर्यावरण संरक्षण और प्रौद्योगिकी एकीकरण में महत्वपूर्ण प्रगति की, जिसमें सतत प्रथाओं और आधुनिक समाधानों पर जोर दिया गया।
पर्यावरण संरक्षण और स्थिरता पहल:
राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया है कि भाजपा सरकार आने के बाद से ही पर्यावरण और वन्यजीवों के प्रतिकूल कई परियोजनाओं को मंजूरी दी जा रही है ।
पर्यावरण बचाने की पहल के तहत, 13 मई, 2025 से ग्रामीण क्षेत्रों में शादी समारोहों और अन्य सामूहिक कार्यक्रमों में प्लास्टिक और डिस्पोजेबल बर्तनों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है । इसके बजाय, राज्य सरकार ग्राम पंचायतों में बर्तन बैंक खोल रही है, जहां राजीविका की महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा प्रबंधित 400 स्टील के बर्तन किराए पर उपलब्ध होंगे । प्रत्येक ग्राम पंचायत में बर्तन बैंक की स्थापना के लिए ₹1 लाख की राशि स्वीकृत की गई है । पहले चरण में 1000 ग्राम पंचायतों का चयन किया गया है, और उसके बाद सभी 11,000 से अधिक ग्राम पंचायतों में बर्तन बैंक खोले जाएंगे ।
वृक्षारोपण अभियानों को भी बढ़ावा दिया गया है। झुंझुनू में 5 से 20 जून तक 22 लाख पौधे लगाने का कार्यक्रम है । मुख्यमंत्री का लक्ष्य इस वर्ष 10 करोड़ पौधे लगाना है, जबकि पिछले वर्ष 7 करोड़ पौधे लगाए गए थे । 'हरियाळो राजस्थान' मिशन के तहत 5 वर्षों में लगभग ₹4,000 करोड़ की राशि से विभिन्न कार्य किए जाएंगे । प्रत्येक जिले में 'मातृ वन' स्थापित किए जाएंगे ।
जल संरक्षण के लिए, झुंझुनू में 5 से 20 जून तक 'वंदे गंगा जल संरक्षण अभियान' चलाया गया । आगामी वर्ष से राज्य का 'हरित बजट' पेश किया जाएगा ।
वन्यजीव संरक्षण में, 5 बाघ परियोजना क्षेत्रों में टाइगर हैबिटेट सुधार के लिए ₹20 करोड़ आवंटित किए गए हैं । गोडावण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) संरक्षण के लिए नए बाड़े और शिकारी-प्रूफ बाड़ लगाने का प्रावधान किया गया है ।
इलेक्ट्रिक वाहनों को बढ़ावा देने के लिए ईवी प्रमोशन फंड में ₹200 करोड़ का प्रावधान किया गया है । सर्कुलर अर्थव्यवस्था के व्यापक प्रसार के लिए राजस्थान सर्कुलर इकोनॉमी प्रोत्साहन योजना-2025 लाई जाएगी । कार्बन क्रेडिट की तर्ज पर राजस्थान ग्रीन क्रेडिट मैकेनिज्म विकसित किया जाएगा । राजकीय परियोजनाओं के लिए ग्रीन फंड और इंस्ट्रूमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए ₹100 करोड़ का राजस्थान ग्रीन चैलेंज फंड स्थापित किया जाएगा ।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी संवर्धन:
विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग का निदेशालय जयपुर में स्थित है, और इसके क्षेत्रीय कार्यालय उदयपुर, बीकानेर, कोटा, अजमेर, भरतपुर और जोधपुर में स्थापित किए गए हैं । प्रशासनिक प्रगति प्रतिवेदन 2024-25 जारी किया गया है । विद्यालय स्तर पर विज्ञान विषय की शिक्षा की स्थिति का आकलन करने और इसके अध्ययन को मजबूत करने के लिए शिक्षा विभाग को सहयोग प्रदान किया जा रहा है । प्रौद्योगिकी हस्तांतरण और सफल प्रौद्योगिकी का राज्य के विभागों के माध्यम से पुनरावृत्ति हेतु अंतर्राष्ट्रीय/राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थानों/सीएसआईआर के साथ सहयोग किया जा रहा है । बीकानेर में पहली इंडिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस लैब स्थापित की गई है ।
साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए पुलिसकर्मियों के लिए 9 महीने का साइबर सुरक्षा डिप्लोमा कोर्स शुरू किया गया है, जिसमें शुरुआत में 50 पुलिसकर्मियों का चयन हुआ है । पुलिस दूरसंचार मुख्यालय में एक सूचना सुरक्षा सेल का गठन किया गया है, जो राजस्थान पुलिस के डेटा, डिजिटल नेटवर्क और वेबसाइटों की सुरक्षा और गोपनीयता बनाए रखने का कार्य कर रही है । सरदार पटेल पुलिस विश्वविद्यालय के सहयोग से साइबर सुरक्षा डिप्लोमा कोर्स तैयार किया गया है । प्रशिक्षण में कंप्यूटर हार्डवेयर, सोशल मीडिया, कैशलेस लेनदेन, डिजिटल फोरेंसिक, आईटी अधिनियम, आईपीसी और पुलिस ऐप (सीसीटीएनएस, राजकॉप, आईसीजेएस) जैसे विषय शामिल हैं ।
प्रेक्षण:
बर्तन बैंक पहल, हरित बजट की शुरुआत और व्यापक वृक्षारोपण अभियानों के माध्यम से सतत प्रथाओं की ओर एक स्पष्ट बदलाव देखा गया है। यह पर्यावरण संरक्षण के लिए एक सक्रिय और अभिनव दृष्टिकोण को दर्शाता है, जिसमें सामुदायिक भागीदारी और प्लास्टिक के उपयोग को कम करने पर विशेष जोर दिया गया है।
बीकानेर में एआई लैब की स्थापना, पुलिस के लिए साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण और प्रौद्योगिकी हस्तांतरण पर ध्यान केंद्रित करना आधुनिक शासन और सुरक्षा के लिए प्रौद्योगिकी के एकीकरण को दर्शाता है। यह राज्य की डिजिटल क्षमताओं को बढ़ाने और उभरते तकनीकी खतरों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
बर्तन बैंक और जल संरक्षण अभियानों जैसी पहल के माध्यम से पर्यावरणीय चुनौतियों का समाधान करने में सामुदायिक भागीदारी पर जोर दिया गया है। यह स्वीकार करता है कि प्रभावी पर्यावरणीय प्रबंधन के लिए सरकार के प्रयासों में नागरिकों को शामिल करना महत्वपूर्ण है, जिससे सामूहिक जिम्मेदारी और दीर्घकालिक स्थिरता की भावना पैदा होती है।
E. खेल, संस्कृति और पुरस्कार
जुलाई 2024 से जुलाई 2025 की अवधि में राजस्थान ने खेल और सांस्कृतिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण प्रगति की, जिसमें प्रतिभा को बढ़ावा देने, सांस्कृतिक विरासत का लाभ उठाने और राज्य की पहचान को मजबूत करने पर जोर दिया गया।
राज्य खेल और सांस्कृतिक कार्यक्रम:
जयपुर को खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स 2025 की मेजबानी मिली है, जिसमें 4000 से अधिक एथलीट और 200 से अधिक विश्वविद्यालय 20 से अधिक खेलों में भाग लेंगे । यह राज्य में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए एक महत्वपूर्ण आयोजन है।
खेलो राजस्थान यूथ गेम्स 2025 ब्लॉक, जिला और राज्य स्तर पर आयोजित किए जा रहे हैं, जिसके लिए प्रति वर्ष ₹50 करोड़ आवंटित किए जाएंगे । ये खेल ग्रामीण और शहरी ओलंपिक खेलों की जगह लेंगे । इन खेलों में किसी भी उम्र के खिलाड़ी भाग ले सकते हैं, और इस बार कुश्ती और सतोलिया सहित कुल 11 खेल शामिल किए गए हैं । ऑनलाइन पंजीकरण एसएसओ आईडी के माध्यम से किया जा सकता है । उदयपुर में महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी स्थापित की जाएगी, जिसकी घोषणा बजट 2024-25 में की गई थी ।
धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए, राजस्थान में खाटू श्याम जी (सीकर) से उज्जैन के महाकाल तक एक नया आध्यात्मिक गलियारा बनाया जाएगा। यह समझौता राजस्थान और मध्य प्रदेश के बीच हुआ है ।
तीज उत्सव 2025, 27-28 जुलाई को मनाया जाएगा, जो मानसून, हरियाली, सामाजिक गतिविधियों और रीति-रिवाजों का उत्सव है । यह मुख्य रूप से महिलाओं द्वारा नृत्य, गायन, मेहंदी लगाने और रंगीन लहरिया साड़ियां पहनने के साथ मनाया जाता है। जयपुर में सिटी पैलेस से तालकटोरा तक लोक कलाकारों, ऊंटों, शाही पालकियों, रथों और बैलगाड़ियों का शाही जुलूस निकलता है ।
जयपुर में वर्ष 2027 में गोविंद देव जी कला महोत्सव का आयोजन किया जाएगा, जो राज्य की सांस्कृतिक धरोहर को प्रदर्शित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होगा । कोटा हवाई अड्डे के पास एयरो सिटी की स्थापना और माउंट आबू-सिरोही में एयरो स्पोर्ट्स गतिविधियों की शुरुआत भी राज्य में पर्यटन को नया आयाम देने वाली योजनाएं हैं ।
पुरस्कार और सम्मान:
11वीं वर्ल्ड स्ट्रेंथ लिफ्टिंग चैम्पियनशिप का आयोजन 15-19 जुलाई, 2024 को कजाकिस्तान में किया गया, जिसमें जयपुर के वेटलिफ्टर पवन कुमावत ने सीनियर वर्ग में 76 किलोग्राम वर्ग में 245 किलोग्राम वजन उठाकर स्वर्ण पदक जीता । 3 जुलाई, 2025 को लंदन की ब्रिटिश संसद में राजस्थान की पांच हस्तियों को भारत गौरव अलंकरण से सम्मानित किया जाएगा । राजस्थान यूथ आइकन अवार्ड भी प्रस्तावित है ।
प्रेक्षण:
खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स और खेलो राजस्थान यूथ गेम्स के आयोजन, साथ ही महाराणा प्रताप स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी की स्थापना, जमीनी स्तर और कुलीन स्तर दोनों पर खेलों को बढ़ावा देने के लिए एक ठोस प्रयास को दर्शाती है। यह पहल राज्य में खेल प्रतिभाओं को पोषित करने और एक मजबूत खेल पारिस्थितिकी तंत्र बनाने के लिए एक व्यापक रणनीति को दर्शाती है।
आध्यात्मिक गलियारे का निर्माण, तीज उत्सव जैसे पारंपरिक त्योहारों का प्रचार और गोविंद देव जी कला महोत्सव का आयोजन पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए राज्य की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का लाभ उठाने पर ध्यान केंद्रित करता है। यह सांस्कृतिक पहचान को मजबूत करने और राज्य को एक प्रमुख पर्यटन स्थल के रूप में प्रस्तुत करने के लिए एक रणनीतिक दृष्टिकोण को दर्शाता है।
पवन कुमावत जैसे एथलीटों को मिली पहचान और भारत गौरव अलंकरण जैसे पुरस्कार, राज्य भर में प्रतिभा को पहचानने और पुरस्कृत करने की प्रतिबद्धता को उजागर करते हैं। यह व्यक्तियों को उनके संबंधित क्षेत्रों में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है और राज्य के लिए गौरव लाता है।
V. निष्कर्ष
जुलाई 2024 से जुलाई 2025 की अवधि भारत और राजस्थान दोनों के लिए परिवर्तनकारी रही है, जिसमें प्रगतिशील शासन, समावेशी विकास और सतत भविष्य के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता देखी गई है।
राष्ट्रीय स्तर पर, नए आपराधिक कानूनों और वित्तीय नियमों के कार्यान्वयन के माध्यम से शासन में डिजिटलीकरण और आधुनिकीकरण की ओर एक स्पष्ट बदलाव आया है। ये परिवर्तन पारदर्शिता बढ़ाने और आर्थिक अनुपालन को मजबूत करने के लिए डिज़ाइन किए गए हैं। प्रमुख नियुक्तियों में निरंतरता महत्वपूर्ण नीतिगत क्षेत्रों में स्थिरता बनाए रखने की इच्छा को दर्शाती है। आर्थिक मोर्चे पर, भारत ने बुनियादी ढांचे के नेतृत्व वाले विकास और कमजोर वर्गों को सशक्त बनाने पर जोर देते हुए एक स्थिर जीडीपी वृद्धि बनाए रखी है। हालांकि, सामाजिक सुरक्षा कार्यक्रमों में फंडिंग और कार्यान्वयन में कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं, जिनके लिए निरंतर ध्यान देने की आवश्यकता है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी में, अंतरिक्ष अन्वेषण में आत्मनिर्भरता, हरित ऊर्जा पहल और स्वदेशी अनुसंधान पर ध्यान केंद्रित किया गया है, जो भारत को वैश्विक वैज्ञानिक परिदृश्य में एक प्रमुख खिलाड़ी के रूप में स्थापित कर रहा है। सांस्कृतिक रूप से, देश ने अपनी विविध विरासत को बढ़ावा दिया है और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्टता को मान्यता दी है।
राजस्थान में, राज्य सरकार ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और नागरिकों के लिए जीवन को आसान बनाने के लिए सक्रिय कदम उठाए हैं, जिसमें पुराने कानूनों को निरस्त करना और वैट में कमी जैसे आर्थिक राहत उपाय शामिल हैं। राजकोषीय विवेक के साथ-साथ सड़कों, जल आपूर्ति और ऊर्जा में बड़े पैमाने पर निवेश ने राज्य के आर्थिक विकास की नींव रखी है। सामाजिक क्षेत्र में, महिला सशक्तिकरण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा पर केंद्रित कई नई योजनाएं शुरू की गई हैं, जो एक व्यापक कल्याणकारी राज्य मॉडल को दर्शाती हैं। पर्यावरण संरक्षण के लिए अभिनव पहल, जैसे बर्तन बैंक और व्यापक वृक्षारोपण अभियान, सामुदायिक भागीदारी के माध्यम से स्थिरता के प्रति प्रतिबद्धता को उजागर करते हैं। तकनीकी प्रगति, विशेष रूप से साइबर सुरक्षा प्रशिक्षण और एआई प्रयोगशालाओं में, राज्य की सुरक्षा और नवाचार क्षमताओं को बढ़ा रही है। खेल और संस्कृति के क्षेत्र में, राज्य ने जमीनी स्तर पर प्रतिभा को बढ़ावा दिया है और अपनी समृद्ध विरासत का लाभ उठाया है, जिससे पर्यटन और सांस्कृतिक पहचान को बढ़ावा मिला है।
कुल मिलाकर, यह अवधि भारत और राजस्थान दोनों में प्रगतिशील शासन, सतत विकास और समावेशी विकास की दिशा में एक ठोस प्रयास को दर्शाती है। डिजिटल परिवर्तन, बुनियादी ढांचे में निवेश और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों का विस्तार इन क्षेत्रों में निरंतर प्रगति के लिए एक मजबूत आधार प्रदान करता है। भविष्य की राह में इन पहलों के प्रभावी कार्यान्वयन की बारीकी से निगरानी करना और यह सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक समायोजन करना शामिल होगा कि वे अपने इच्छित लक्ष्यों को पूरा करें और सभी नागरिकों के लिए एक समृद्ध और न्यायसंगत भविष्य में योगदान दें।

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