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current affairs 2024 to 2025

राजस्थान और भारत: जुलाई 2024 से जुलाई 2025 तक के विषयवार करेंट अफेयर्स का विस्तृत विश्लेषण I. कार्यकारी सारांश जुलाई 2024 से जुलाई 2025 की अवधि भारत और राजस्थान दोनों के लिए महत्वपूर्ण परिवर्तनों और विकासात्मक पहलों से चिह्नित रही है। राष्ट्रीय स्तर पर, शासन में आधुनिकीकरण और डिजिटलीकरण की दिशा में एक स्पष्ट झुकाव देखा गया, जिसमें नए आपराधिक कानूनों का कार्यान्वयन और वित्तीय नियमों में महत्वपूर्ण बदलाव शामिल हैं। आर्थिक मोर्चे पर, भारत ने स्थिर जीडीपी वृद्धि बनाए रखी, जबकि समावेशी विकास और बुनियादी ढांचे के नेतृत्व वाले विकास पर जोर दिया गया। सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों का विस्तार किया गया, विशेष रूप से कमजोर वर्गों पर ध्यान केंद्रित किया गया, हालांकि कुछ कार्यान्वयन चुनौतियों का भी सामना करना पड़ा। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में, अंतरिक्ष कार्यक्रम में आत्मनिर्भरता और स्वदेशी अनुसंधान पर विशेष ध्यान दिया गया। राजस्थान में, राज्य सरकार ने प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और सार्वजनिक कल्याण को बढ़ावा देने के लिए व्यापक विधायी और नीतिगत सुधार किए। वित्तीय प्रदर्शन में रा...

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व्यावसायिक अर्थशास्त्र: सिद्धांत, अनुप्रयोग और व्यावसायिक निर्णय I. व्यावसायिक अर्थशास्त्र का परिचय परिभाषा और प्रकृति व्यावसायिक अर्थशास्त्र, जिसे प्रबंधकीय अर्थशास्त्र के रूप में भी जाना जाता है, अर्थशास्त्र की एक विशिष्ट शाखा है जो आर्थिक सिद्धांतों को व्यावसायिक प्रथाओं के साथ एकीकृत करती है । इसका प्राथमिक उद्देश्य व्यावसायिक समस्याओं का विश्लेषण करना और रणनीतिक निर्णय लेने में सहायता करना है । यह आर्थिक अवधारणाओं और मात्रात्मक विधियों का उपयोग करके वास्तविक दुनिया की व्यावसायिक चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत करता है । यह अनिवार्य रूप से अमूर्त आर्थिक सिद्धांत और व्यावहारिक व्यावसायिक प्रक्रियाओं के बीच की खाई को पाटने का कार्य करता है । प्रकृति में, व्यावसायिक अर्थशास्त्र मुख्य रूप से सूक्ष्म-आर्थिक है, जो समग्र अर्थव्यवस्था के वृहद पहलुओं के बजाय व्यक्तिगत फर्मों और उनकी विशिष्ट समस्याओं पर केंद्रित है । यह एक व्यावहारिक और मानक अनुशासन है, जो दैनिक व्यावसायिक निर्णय लेने और भविष्य की योजना बनाने से संबंधित है । इसे विज्ञान और कला दोनों का एक अनूठा समन्वय माना जाता है; यह मांग...

लहेरियो

इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा म्हाने ल्याईदो नी बाईसा रा बीरा लहेरियो सा म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोलालहेरियो सा म्हाने ल्याईदो नी बादिला ढोला लहेरियो सा म्हारा सुसराजी तो दिल्ली रा राजवी सा म्हारा सासूजी तो गढ़ रा मालक सा इण लहेरिये रा नौ सौ रुपया रोकड़ा सा म्हाने ल्याईदो ल्याईदो ल्याईदो ढोलालहेरियो सा

CHIRJA KARNI MATA

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जामण सकल जंझाळ, टाळ दोख दुख जगत हित। हे मावङ प्रतिपाळ,  आप आशरो ईश्वरी।। कीङक काटण रोग,  लोग मात् तौ को तकै।   जोगणी सिध्द अमोग,  ओङ तौर ना ईश्वरी।। 🌷चिरज पुकार🌷 अम्बे मानै आप तणो आधार,  माॅजी सूणियो करूण पुकार।  मैहाई म्हानै आप तणो आधार,  पुत्र हित सूणज्यो करूण पुकार।।टेर।। जुग्ग मे जोगण सूणां आप री शोभा अणन्त अपार।  भीङ पङियां भग्तां हित जामण, रचिया नवांअवतार।  अम्बे मानै आप तणो आधार,  माॅजी सूणियो करूण पुकार।  मैहाई म्हानै आप तणो आधार, पुत्र हित सूणज्यो करूण पुकार। ।१।। डाढाळी डोकर सूणी मां, शक्ति रूप साकार।  जगत बचावण दुष्ट दलण हित माॅ धर आया कई बार।। अम्बे मानै आप तणो आधार , माॅजी सूणियो करूण पुकार।  मैहाई म्हानै आप तणो आधार, पुत्र हित सूणज्यो करूण पुकार। ।२।। राजा राव पृथ्वि कै पतशाह,  जै झाल्ही अपकार।  मैटियो मान डण्ड दे आपहि,  छीन्न ना देर लगार।  अम्बे मानै आप तणो आधार, माॅजी सूणियो करूण पुकार।  मैहाई म्हानै आप तणो आधार, पुत्र हित सूणज्यो करूण पुकार। ।३।। दम्भी चील्ह बाघ...

करणी माता चिरजा

.             *।। चिरजा ।।* _____________________________ तर्ज -जाए तो जाए कहां.. (हिन्दी गाना) _____________________________ आओ मां आयां.. सरे..... किस विद मां देर करे... चरणा परे(पड़े)..तोरा ध्यान धरे.. आओ मां आयां सरे..(स्थाई) भुमि पे,बिमारी...आई मां भारी..  लोग मरे है ,छाई लाचारी...  हार गये मां कुण,विपदा हरे आओ मां आयां.. सरे..... किस विद मां देर करे.. चरण परे (पड़े) ध्यान धरे.. आओ मां आयां सरे..(1) काळ बिछ्यो है ,जाळ रच्यो है मौत प्राणां में,मातम मच्यो है.. देख दशा सब, बहुत डरे.. आओ मां आयां..सरे..... किस विद मां देर करे... चरण परे,ध्यान धरे ... आओ मां आयां सरे..(2) आफत आई..सजो संकलाई.. मदद करो शुभ, मंगल मेहाई.. काटत रोग नै..पटक परे.. आओ मां आयां.. सरे..... किस विद मां देर करे... चरण परे (तेरा)..ध्यान धरे. आओ मां आयां ही सरे...(3) आश‌ न टूटे,विश्वास ना टूटे.. सांसो ही सांस करणी,नाम न छूटे.. नाम तेरे से भव,नाव तरे... आओ मां आयां.. सरे..... किस विद मां देर करे... चरण परे(पड़े) तेरा ध्यान धरे.. .आओ मां, आयां सरे..(4) विनय विचारो,पल में पधा...

MATA JI BHAJAN

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।। चिरजा श्री आवड़ माँ की ।।  थें तो सातु हि बहिन समेत,            आवड़ म्हारें हरख आवो माँ घण हैत ।            आवड़ माँ म्हारें सदन बिराजो घण हैत।                                  1 कोड घणो मन में करू माँ, धरू ध्यान दिनरात । हरख पधारो हैत सूं माँ, सेवक करण सनात ।                                 2         कदम बढावौ कर कृपा माँ, आवो अनत उमंग । लारे महिरख लावजौ माँ, सातु बहिनां संग ।                                    3       आप आयां आणंद हुवें, माँ मौत्यां बरसें मैह । हाथ जोड़ हाजिर रहै, माँ सारा सुख सैदैह ।                           ...

KARNI MATA CHIRJA

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सगती आरत सांभळे , तारत आवड़ त्यांय ।। देवी भारत देश री , सारत काज सदाय ।।1।। इम परवाड़ा आपरा , म्हें सुणिया घण मात ।। अवस रखावण आवसी  , बणी तिहारी बात ।।2।। उर बीच शंको आवड़ा, इम सालत हैं आज  ।। दीसै नह हथ दोकड़ो , किम सरसी मां काज ।।3।। मीठा परचा मात हैं , आवड़ दिया अनेक ।। रदे भरोसो राखके , नांह नीति तज नेक ।।4।। अद्रश्य रूपे आवसी , सगती करण सहाय ।।सिध कारज होसी सबे , महर कियां महमाय ।।5।।  विपदा हर विसवेसरी , कर किरपा किनयांण ।। धर दैसांणे तूं धणी , सर धर हाथ सुजांण ।।6।।  साद दास रो सांभळे , मात धरो नह मौन ।। आप न तारण आवसी , (तो) करे भीर फिर कौन ।।7।। देवी पकड़ो दास की , बूडत वखते बांह ।। जद जाचक तव जांणसी , नांव डूबेगी नांह ।।8।। छेलो अब तो सांभळो , हेलो करूं हुजुर ।। माया मेलो मावड़ी , भर थैलो भरपूर ।।9।। दश दोहां में दाखवी , मन री पीड़ा मीर ।। काज सुधारण कारणें , भयहू करणी भीर ।।10।। मीठा मीर डभाल